श्री राम,लक्ष्मण,सीता चले वन,पुत्र वियोग में दशरथ ने किया विलाप।



कस्बा बाबरी के प्रसिद्ध चौक झंडा चौक पर आयोजित रामलीला मंचन के दौरान राम, लक्ष्मण, व सीता द्वारा पिता राजा दशरथ से वन जाने क़ी आज्ञा लेकर वन को चलने पर राजा दशरथ पुत्र वियोग में विलाप किया गया।
कस्बा बाबरी में मंगलवार क़ी रात्रि में रामलीला मंचन के दौरान अत्यंत भावुक और मार्मिक दृश्य प्रस्तुत किया गया,जिसमें राजा दशरथ द्वारा अपने पुत्रों श्रीराम और लक्ष्मण को वनवास के लिए विदा किया गया। पिता श्री की आज्ञा का पालन करते हुए श्री राम ने वन जाने का निश्चय किया, उनके साथ अनुज लक्ष्मण, और पत्नी सीता भी चल पड़ीं।
का धैर्य, लक्ष्मण की निष्ठा और सीता की समर्पण भावना ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह दृश्य दर्शकों के लिए अत्यंत हृदयविदारक रहा। राम के त्याग, भक्ति और पितृभक्ति को देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। मंच पर राम 
दूसरी ओर, राजा दशरथ अपने पुत्रों के वियोग में विलाप करते हुए मंच पर गिर पड़े। उनका हृदय पुत्र-वियोग को सह नहीं सका। उन्होंने करुण स्वर में पुकारा, "राम! राम!" — यह दृश्य पूरे पंडाल में गूंज उठा और दर्शकों की आंखों में अश्रुधारा बह निकली।
आयोजकों ने बताया कि अगले अगले दिन चित्रकूट की यात्रा और भरत मिलाप का दृश्य प्रस्तुत किया जाएगा।

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