दिनांक 04.04.2022 को पुलिस अधीक्षक शामली श्री सुकीर्ति माधव के आदेशानुसार चलाये जा रहे अवैध शस्त्र निर्माण/ बरामदगी/ तस्करी में लिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक शामली के निर्देशन एवं क्षेत्राधिकारी थानाभवन के कुशल पर्यवेक्षण में थाना थानाभवन पुलिस द्वारा सूचना पर तत्परता से कार्यवाही करते हुये एक स्वचलित विदेशी ए.के-47 राईफल, करीब 1300 कारतूस अलग-अलग बोर के, 04 अदद मैगजीन, 01 अदद मैगजीन ड्रम, 01 एक्सयूवी-300 कार व 01 रैडमी मोबाईल फोन सहित 01 अभियुक्त गिरफ्तार करने मे महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है । मौके से स्वचलित विदेशी एके 47 राइफल, कारतूस, 01 एक्सयूवी-300 कार व 01 रैडमी मोबाईल फोन बरामद हुए हैं । गिरफ्तारी एवं बरामदगी के संबंध मे थाना थानाभवन पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। इस पूरी रिकवरी के संबंध मे विस्तृत जानकारी की जा रही है। हथियार/कारतूस कहां से आये और किन-किन लोगो की इसमें संलिप्तता रही है, इस संबंध मे जानकारी एकत्रित की जा रही है। जेल मे बंद कुछ अपराधियों की रिमांड लेकर के इस संबंध मे पूछताछ की जायेगी। गिरफ्तार अभियुक्त अनिल उर्फ पिन्टू पुत्र भोपाल निवासी ग्राम सदरूद्दीन नगर उर्फ हडौली माजरा थाना भौरा कला जनपद मुजफ्फर नगर से पूछताछ करने पर बताया कि मेरे गांव का पड़ौसी कस्बा सिसोली निवासी अनिल बंजी पुत्र राजेन्द्र मेरे बचपन का दोस्त है, जो 2009 में एयरफोर्स से रिटायरमेंट लेकर वापस आ गया था। वापस आने पर अनिल बंजी व मेरे द्वारा आसपास क्षेत्र में रौब गालिब करने के कारण हमारी क्षेत्र में रंजिश बढ़ गई थी । उसी दौरान धर्मेन्द्र किरठल बदमाश जो एक नामी अपराधी है के बहुत नजदीकी नीरज बामडौली (बागपत) की हत्या हो गई थी, जिसकी हत्या का शक धर्मेन्द्र किरठल को हम लोगो पर हो गया था। तभी हमने संजीव जीवा जो एक कुख्यात अपराधी है। से बडा ओटोमेटिक हथियार खरीदने के लिए सम्पर्क किया। उसने अपने गुर्गों द्वारा हम दोनों को यह हथियार और कारतूस लगभग 11 लाख रूपये में उपलब्ध कराये थे । यह अस्लाह पहले अनिल बंजी के पास ही था। मगर कुछ दिन पहले मैं इन असलाहो को अनिल से लाकर अपने पास रख लिये थे। अनिल बंजी को अपनी करीबी दोस्त प्रोफेसर आरती के लिए सुपारी लेकर कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ के डीन राजवीर की हत्या करनी थी। पहले डीन पर हमला इसी असलहे से करने की योजना थी । लेकिन बाद मे अनिल ने यह योजना बदल दी और दूसरे असलहे से हमला किया । पिछले महीने अनिल ने डीन राजबीर पर अपने अन्य साथियो के साथ मिलकर गोलियों से हमला किया मगर वह बच गया । इस केस में अनिल व उसके साथी पकडे गये, जो मेरठ जेल में है । इन हथियारो को यू0पी0 से बाहर छिपाना था । इसलिये आज मै इन्हे छिपाने के लिये निकला था। और पुलिस द्वारा मुझे पकड लिया गया । आपराधिक इतिहास के बारे में बताया कि मै विक्की त्यागी की हत्या में कोतवाली मुजफ्फनगर से जेल भी गया था ।
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