प्रेमिका ने जिसके प्यार में जीने मरने की कसमें खाई घर समाज छोड़ा उसी प्रेमी ने दिया खौफनाक हत्या को अंजाम
ज्ञात हो कि दिनांक 31.03.2023 को थाना बाबरी पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम बन्तीखेड़ा के जंगल में कुंए में एक महिला का शव पड़ा है । सूचना पर तत्काल पुलिस अधीक्षक शामली, अपर पुलिस अधीक्षक शामली, क्षेत्राधिकारी थानाभवन तथा थानाध्यक्ष थाना बाबरी मय फोर्स के मौके पर पहुचे तथा घटना स्थल का मौका मुआयना करते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किये । मृतक महिला के शव को कुएं से बाहर निकाला गया । मृतक महिला के शव की पहचान ईशा उर्फ नईमा पत्नि अंशु निवासी ग्राम बन्तीखेड़ा थाना बाबरी जनपद शामली के रुप में हुई । थाना बाबरी पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्यवाही कर शव को पोस्ट मार्टम हेतु मोर्चरी भेजा गया । घटना के संबंध में मृतक महिला के परिजन की नामजद लिखित तहरीर के आधार पर मु0अ0सं0 38/2023 धारा 302, 201 भादवि में अभियोग पंजीकृत किया गया । घटना में शामिल अभियुक्त की शीघ्र ही गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक शामली द्वारा थानाध्यक्ष बाबरी को निर्देशित किया गया था । थाना बाबरी पुलिस द्वारा घटना में शामिल अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे थे ।
इसी क्रम में आज दिनांक 02.04.2023 को थाना बाबरी पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान सूचना पर ग्राम बन्तीखेड़ा के जंगल में हुई ईशा की हत्या में शामिल 01 हत्याभियुक्त अंशु उर्फ आशु पुत्र अजीत निवासी ग्राम बन्तीखेडा थाना बाबरी जनपद शामली को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जिसके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल दराती, रेहड़ा, गद्दा, नमक का खाली कट्टा बरामद किया गया है । गिरफ्तारी एवं बरामदगी के संबंध में थाना बाबरी पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है ।
पूछताछ में अंशु उर्फ आशु उपरोक्त ने ईशा उर्फ नईमा की हत्या का जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि मैंने वर्ष 2021 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा पास की थी तभी पढ़ते समय शामली आने जाने के दौरान रास्ते में ईशा जो जाति से मुस्लिम थी, शामली में ही पढ़ाई करती थी उसी दौरान मेरी ईशा से मुलाकात हुई और हम दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे और हमारा आपस में प्रेम प्रसंग हो गया । इसी के चलते मैंने और ईशा ने करीब 08 से 10 माह पूर्व मु0नगर जाकर वकील के माध्यम से कोर्ट मैरिज कर ली थी परन्तु ईशा अपने घर पर ही रहती थी, बीच बीच में हम दोनों मिलते रहते थे । दिनांक 02.03.2023 को ईशा अपने घर से मेरे घर आ गयी, तब शादी वाली बात मैंने अपने घर वालों को बताई, परन्तु कुछ दिन बाद ही ईशा के घरवालों द्वारा विरोध करने के कारण दिनांक 13.03.2023 को ईशा अपने घरवालो के साथ सामाजिक लिखा पढ़ी होकर चली गई थी । दिनांक 17.03.2023 को ईशा दोबारा से मेरे पास घर पर आ गई । ईशा नोनवेज भी खा लेती थी और हमारे घर पर रहकर भी नोनवेज के लिए जिद करती थी इसी बीच में नवरात्रे शुरू होने के कारण नोनवेज सम्भव नही था ईशा हमारे घर या समाज में रहना नही चाहती थी । इसी कारण मुझे अपने घर ले जाने या गांव बन्तीखेडा से कही बाहर जाकर रहने की जिद करती थी जो मेरे लिए संभव नही था । इसी बात को लेकर हमारे बीच अनबन रहने के कारण ईशा गुमसुम सी रहकर मुझसे झगडा करने लगी । दिनांक 29.03.2023 की रात्रि में हम लोगो ने खाना खाया मेरे पिता अजीत ड्यटी पर गोशाला चले गये थे । मैं और ईशा सोने के लिए मकान में ऊपर बने कमरे मे चले गये मेरी माँ रेखा नीचे कमरे मे सोई थी समय करीब 11 बजे रात ईशा ने मुझे छोड़कर सुबह वापस अपने घर जाने और फिर वापस न आने की बात कहने लगी तब मेरा और ईशा का झगड़ा होने लगा तभी मैने ईशा को जान से मारने की नीयत से बक्से पर रखी दराती से गर्दन पर प्रहार किया दराती ईशा के सिर में लगी और ईशा बेहोश हो गयी मैने ईशा को काफी हिलाया दुलाया लेकिन नही उठी, तभी मैंने रात्रि मे ही ईशा को ठिकाने लगाने का प्रण किया और समय करीब 01 बजे रात्रि मे बिना किसी को बताये ईशा को गद्दा में लपेटकर सीढियों के रास्ते नीचे लाया और ईशा को गली मे खड़े रैहड़े में रखकर घर मे पशुओं के लिए रखे नमक के कट्टे और प्रयुक्त दराती को साथ लेकर अपने खेतो की ओर चल दिया, गांव से बिजलीघर की ओर करीब 100 मीटर खडंजे पर रास्ते में बंद पड़े कुएं के पास रोककर कुएं के लैन्टर में बनी खिड़की पर लगे तारों को ईट से तोड़कर जगह बनाई और ईशा को गद्दा से अलग कर गोद में भरकर कुएं में डाल दिया और ईशा की लाश को जल्दी गलाने के लिए उपर से नमक उडेल दिया, इसके बाद गद्दा व दरांती को नमक के कट्टे में रखकर बिजली घर की ओर जाकर हडवाडा के पास खड़ी झाड़ी के बीच में छुपा दिया फिर मैंने वापस आकर रेहडे को गली में खड़ा कर दिया ।
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