कैराना। ऑल टीचर्स/एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन(अटेवा)की स्थानीय इकाई ने न्यू पेंशन स्कीम का विरोध करते हुए एक अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पुरजोर तरीके से दोहराया है।
शनिवार को ऑल टीचर्स/एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन(अटेवा) जनपद शामली की इकाई ने जिला संयोजक नवनीत कुमार के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के न्यू पेंशन स्कीम से आच्छादित कर्मियों एवं शिक्षक कर्मचारियों ने एक अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान विभिन्न विभागों में हाथों में काली पट्टी बांधकर कार्य किया गया। बताया गया है कि एक अप्रैल 2005 को उत्तर-प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद करके शेयर आधारित न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया गया था। विगत कई वर्षों से शिक्षक व कर्मचारी इस पेंशन व्यवस्था का विरोध करते आ रहे है। उन्होंने राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब व हिमाचल प्रदेश की भांति न्यू पेंशन स्कीम को रद्द करके उत्तर-प्रदेश में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः बहाल करने की मांग की है। जिला संयोजक ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत पेंशन हेतु प्रतिमाह उनके वेतन से कटने वाली दस प्रतिशत की राशि भी उनके खातों में नियमित रूप से जमा नही हो रही है, जिससे शिक्षक व कर्मचारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। न्यू पेंशन स्कीम शेयर आधारित होने के चलते इसमें स्थिरता व नियमितता की कमी है, जिस कारण इसमें सरकार की कोई जवाबदेहिता तय नही है। वही, संगठन के जिला महामंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जब सांसद/विधायक एक साथ चार-चार पेंशन ले सकते है तो 30-35 वर्षों तक सेवा देने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी नियमित पेंशन मिलनी चाहिए। न्यू पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी मात्र पांच सौ रुपये से लेकर दो हजार रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहा है, जिसमें उसका बुढापा सुरक्षित नही है। संगठन ने पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की मांग को दोहराया है। इस दौरान माधवेन्द्र, लालचंद, महेंद्र, राजेन्द्र, रवि, अमृता, शुभि, रविन्द्र, पंकज, अनिल, विकास व सुशील आदि उपस्थित रहे।
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