- 40 बीघा कृषि भूमि में काटी जारही अवैध कालोनी।
डीलरों द्वारा अवैध रूप से मिट्टी खनन कर कराया जा रहा रास्तों का भराव ।
तहसील प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा कारोबार।
कैराना ।कैराना नगर के तितरवाड़ा मार्ग पर आबादी के निकट 40 बीघा कृषि भूमि में तहसील प्रशासन की मिलीभगत से काटी जारही अवैध कालोनी। तहसील पर तैनात अधिकारियों की मिलीभगत होने के चलते डीलरों ने कृषि भूमि को अकृषि भूमि में प्रवर्तित कराने के लिए भी अभी तक फाइल दायर नहीं कि गई। वही मिट्टी का अवैध खनन कर मार्गों का भराव करने में जुटे है प्रोपर्टी डीलर। आखिर बिना किसी की सेटिंग के यह कैसे संभव है। नगर की एक दो कॉलोनी पर सांकेतिक कार्रवाई कर अधिकारियों की वाहवाही लूटने वाले अधिकारी बताए इस कालोनी पर आखिर सब कुछ अवैध हो रहा है, फिर कार्रवाई क्यों नहीं ?
नगर में अवैध कालोनियों के कारोबार में शामिल प्रोपर्टी डीलर करोड़पति व लखपति बन बैठे है। वही पैसे की हनक इतनी पैदा हो गई कि इन्हें नियम कायदे व अन्य मानकों की कोई परवाह नहीं रही है। आखिर इन्हें इन सब की चिंता इसलिए नहीं कि यहां तैनात अधिकारी भी राजनीतिक दबाव व पैसों की चमक के आगे उन्हें कुछ भी अवैध कार्य दिखाई नहीं देता है। जिसका उदहारण बनी तितरवाड़ा मार्ग पर आबादी से सटी 40 बीघा कृषि भूमि में डीलरों द्वारा काटी जारही अवैध कालोनी। जो न तो कृषि से अकृषि भूमि में परिवर्तित कराई गई है। वही डीलरों की सेटिंग अधिकारियों से इतनी मजबूत है कि अवैध मिट्टी खनन करने के बाद ट्रैक्टर ट्रालियों से भराव कराया जा रहा है। तहसील प्रशासन पूरी ताकत व आँख मिचौली कर इस कालोनी को बचाकर अन्य पर कार्रवाई कर रहा है।
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गरीब किसानों पर ही मिट्टी खनन पर होती है कार्रवाई
देश व प्रदेश की सरकारें तमाम व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिये कटिबंध है। लेकिन अधिकारी अभी निष्पक्ष कार्रवाई व अपने स्वार्थ के जाल से बाहर नहीं आए है। जिसका उदहारण यह है कि कोई किसान अपने घर व घेर में भराव करने के लिए अपने खेत से मिट्टी उठता है तो कार्रवाई की जाती है। लेकिन इन अवैध कालोनियों पर भराव अधिकारियों की नजरों में जायज है।
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खबरे प्रकाशित होने पर 20 लाख राजस्व हुआ जमा
तहसील प्रशासन की अनदेखी कहे मिलभगत कह जो भी हो। लेकिन अपना कार्य निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया जा रहा है। जिसका उदहारण यह है कि एक पखवाड़े पूर्व समाचार पत्रों में अवैध कालोनियों की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई। तहसील प्रशासन ने कार्रवाई से बचाते हुए इन डीलरों की अवैध कालोनियों को कृषि से अकृषि भूमि में दर्ज करना शुरू कर दिया। तहसील में तैनात एक कर्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 20 लाख रुपये का राजस्व जमा किया है।
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आखिर कब तक जारी रहेगा काला कारोबार
तहसील प्रशासन की ओर से जिला मुख्यालय पर भेजी गई अवैध कालोनियों की सूची में कैराना की लगभग 40 कालोनी शामिल है। इन सूची में भी अधिकारियों ने खेल कर बहुत सी कालोनी को बचाया है। आखिर कब कसा जाएगा इन सभी अवैध कालोनियों पर कानून का शिकंजा।यह तो आने वाला समय ही बताएगा
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