शामली के गांव सल्फा के किसान की हत्या की गुत्थी सुलझी दो आरोपी गिरफ्तार

थाना कांधला पुलिस द्वारा जनपद बागपत के थाना रमाला क्षेत्रांतर्गत हुई भगत सिंह की हत्या में लिप्त 02 हत्याभियुक्त शाहिद व थाना रमाला का हिस्ट्रीशीटर बदमाश साबिर गिरफ्तार, हत्या मे प्रयुक्त आलाकत्ल व मृतक का मोबाईल फोन बरामद ।
दिनांक 24.11.2022 को गौरव पुत्र भगत सिंह निवासी ग्राम सल्फा थाना कांधला जनपद शामली द्वारा थाना कांधला पर अपने पिता भगत सिंह उम्र करीब 55 वर्ष के दिनांक 23.11.22 को अपनी मोटरसाइकिल से घर से कही चले जाने के सम्बन्ध में गुमशुदगी दर्ज करायी थी। दिनांक 24.11.2022 की शाम गौरव पुत्र भगत सिंह उपरोक्त द्वारा थाना कांधला पर लिखित तहरीर दी कि उसके पिता भगत सिह की किसी अज्ञात व्यक्ति ने हत्या कर दी है उनका शव असारा के जंगल थाना रमाला जनपद बागपत में पडा हुआ है । थाना रमाला जनपद बागपत पुलिस द्वारा मौके से मेरे पिता के शव का पंचायतनामा की कार्यवाही कर शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है । दाखिला तहरीर के आधार पर थाना कांधला पर मु0अ0स0 505/22 धारा 302 भादंवि बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया । 
इसी क्रम मे आज दिनांक 29.11.2022 को पुलिस अधीक्षक शामली के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक शामली एवं क्षेत्राधिकारी कैराना के कुशल नेतृत्व में थाना कांधला पुलिस द्वारा भगत सिंह उपरोक्त की हत्या मे लिप्त 02 हत्याभियुक्तो 1. शाहिद पुत्र अब्बास 2.साबिर पुत्र इसराईल निवासीगण ग्राम असारा थाना रमाला जनपद बागपत से हिस्ट्रशीटर संख्या 908ए को हत्या मे प्रयुक्त आलाकत्ल एक अदद बलकटी व एक अदद लोहे की रॉड व मृतक भगत सिंह के टूटे हुए मोबाइल सहित गिरफ्तार करने मे महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है ।  

*घटना का विवरणः-* करीब डेढ वर्ष पहले भगत सिंह उपरोक्त शकील मास्टर के यहां शादी में ग्राम असारा थाना रमाला जनपद बागपत गया था, वही पर शाहिद से मुलाकात हुई थी । भगत सिंह ने शाहिद को अपना मोबाइल नम्बर दे दिया और फिर दोनो की आपस में बातचीत होने लगी थी और दोनो के बीच समलैंगिक संबध हो गये थे । इसके बाद शाहिद, भगत सिंह के साथ सम्बन्ध बनाने से मना करने लगा तो भगत सिंह शाहिद को धमकी देता था कि मेरे पास तेरी वीडियो है, मना करने पर मै तेरी वीडियो लोगो को दिखा दूंगा । शाहिद वीडियो की बात सुनकर बदनामी के डर से घबरा गया । दिनांक 19.11.22 को शाहिद का दोस्त साबिर पुत्र इसराईल शाहिद के पास आया और उससे अपने भाई की जमानत के लिये 15-20 हजार रुपये मांगने लगा । शाहिद ने बताया कि उसके पास पैसा नही है तो शाहिद ने योजना बनायी और साबिर से कहा कि एक भारसी के किसान को मै जानता हूं। उसको मै नौकर देने के बहाने बुला लूंगा वो कम से कम 15-20 हजार रुपये लेकर आयेगा तो हम उससे पैसे छीन लेगे । योजना के मुताबिक शाहिद ने फोन की व्यवस्था कर दिनांक 23.11.22 को मोबाइल से भगत सिंह को काँल करके आने के लिये कहा तो भगत सिंह ने बताया कि अभी मै काम कर रहा हूँ, शाम को आऊंगा । शाम को करीब 6.00 बजे शाहिद ने भगत सिंह को फिर से काल किया तो उसने कहा मेरा लडका अभी मोटरसाइकिल लेकर आ रहा है । मै बस अभी निकल रहा हूँ । शाहिद पहले से ही असारा नहर पुलिया के आगे खडा हो गया । नहर के उस पार बेल पत्थर के पेड के पास साबिर छिपकर खडा हो गया । कुछ ही समय बाद मो0सा0 से भगत सिंह आ गया । शाहिद ने उसकी मो0सा0 आगे ट्यूवैल के पीछे खडी करा दी थी । भगत सिंह को शाहिद नहर के उस पार खेतो की तरफ ले गया था जहां पानी की नाली थी और दोनो तरफ ईख के खेत थे । जैसे ही पानी की नाली में शाहिद व भगत सिंह आपस में बात कर रहे थे तो पीछे से चुपचाप साबिर ने भगत सिंह के सिंर पर बलकटी से वार कर दिया था । जिससे भगत सिंह पानी की नाली में उल्टा गिर पडा । शाहिद डर गया कि ये उसे पहचानता है अगर बच गया तो उसका नाम ले देगा । तभी शाहिद ने भी लोहे की राड से भगत सिंह के सिर पर वार किया । जिससे भगत सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी । भगत सिंह की जेब से साबिर ने 3700 रुपये निकाल लिये थे तथा शाहिद ने मोबाइल निकालकर पहले उसे लोहे की रोड से तोडा फिर आगे चलकर ईख के खेत में लोहे की रोड व मोबाइल को फेंक दिया था । साबिर ने बलकटी को नहर के पास गन्ने के खेत में फेक दिया था और रुपयो को अपने भाइयो की जमानत की पैरवी में खर्च कर दिये थे 

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